हिंदू धर्म में सावन का महीना विशेष रूप से भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है। इस पावन माह में प्रत्येक सोमवार को शिवजी के व्रत का विशेष महत्व होता है। इसे “सावन सोमवार व्रत” कहा जाता है। 2025 में यह सौभाग्यशाली संयोग बन रहा है जब सावन में चार सोमवार पड़ेंगे और शिवभक्त पूरे नियम और श्रद्धा से इन व्रतों को करेंगे।
इस लेख में हम जानेंगे कि सावन सोमवार व्रत 2025 में कब-कब पड़ेंगे, इसका धार्मिक महत्व क्या है और किस विधि से शिवजी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त हो सकता है।
सावन सोमवार व्रत 2025 की तिथियाँ:
- पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025
सावन सोमवार व्रत का धार्मिक महत्व
सावन सोमवार व्रत का वर्णन पुराणों में मिलता है। यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है। इस व्रत को करने से उन्हें मनचाहा और योग्य जीवनसाथी मिलता है।
विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति और पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं। पुरुष भी इस व्रत को करके अपने जीवन में शांति, सफलता और रोगमुक्ति की कामना करते हैं।
सावन मास स्वयं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और इस माह में सोमवार को व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
व्रत और पूजा विधि (Step-by-Step)
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें: “मैं भगवान शिव की कृपा हेतु सावन सोमवार व्रत करता/करती हूं।”
- पूजा स्थान को स्वच्छ करके शिवलिंग स्थापित करें या किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग का पूजन करें।
- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)।
- बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, चावल, भस्म, शमी पत्र, अक्षत आदि अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें।
- शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
- व्रती दिनभर फलाहार करते हैं या निर्जल व्रत रखते हैं (शक्ति अनुसार)।
- शाम को पुनः शिव आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
क्या न करें सावन सोमवार व्रत में?
- झूठ बोलने, क्रोध करने और छल-कपट से बचें।
- प्याज, लहसुन, मांसाहार, और नशे से परहेज करें।
- जल का अपव्यय न करें।
- व्रत के दिन किसी का अपमान न करें, विशेषकर माता-पिता और गुरुजनों का।
- शिवलिंग पर तुलसी पत्र न चढ़ाएं, यह वर्जित है।
अविवाहित कन्याओं के लिए व्रत का विशेष फल
सावन सोमवार व्रत को यदि अविवाहित कन्याएं श्रद्धा से करें, तो उन्हें भगवान शिव जैसा पति प्राप्त होता है। माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पाने के लिए सावन में कठिन तप किया था। इसलिए यह व्रत स्त्रियों के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है।
इस दिन मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा करने से प्रेम, वैवाहिक सुख और घर में समृद्धि का वास होता है।
शिवभक्ति का आध्यात्मिक पक्ष
सावन सोमवार व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह एक साधना है जो आत्मा को शुद्ध करती है। उपवास से जहां शरीर शुद्ध होता है, वहीं “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के जप से मन और चित्त स्थिर होते हैं।
यह व्रत आत्मसंयम, आत्मचिंतन और ईश्वर के प्रति समर्पण की ओर प्रेरित करता है। भक्ति, संयम और सेवा — यही इस व्रत का मूल भाव है।
पर्यावरण और प्रकृति से जुड़ाव
सावन मास में जब चारों ओर हरियाली होती है, तब भगवान शिव की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। बेलपत्र, जल, शमी वृक्ष जैसे प्रकृति से जुड़े तत्वों का उपयोग इस बात का संकेत है कि प्रकृति और भगवान एक ही हैं। शिव की पूजा करना दरअसल प्रकृति को पूजने जैसा है।
सावन सोमवार व्रत 2025 भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस बार जब सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, तो शिवभक्ति का यह मास और भी पावन हो गया है। जो भी भक्त पूरे विधि-विधान से व्रत करेंगे, उन्हें निश्चित रूप से शिव कृपा का अनुभव होगा।
शिवजी कहते हैं – “भक्ति से बड़ा कोई साधन नहीं। जो श्रद्धा और सच्चे मन से मेरी आराधना करता है, मैं उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता हूं।”
तो आइए, इस सावन सोमवार को हम सभी शिवभक्ति में लीन होकर जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें और स्वयं को ईश्वर के चरणों में समर्पित करें।